विकिपीडिया कि झूठ पर भारत सरकार का नोटिस

  Wikipedia कि झूठ पर भारत सरकार का नोटिस

Wikipedia notice

असल में पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति के नाम पर एक दुकान चलाई जा रही है| आप समझ सकते हैं कि यह बड़े-बड़े पश्चिमी देश है, वह व्यक्ति के आजादी के लिए बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल जहां आए व्यक्ति के अभिव्यक्ति की वस्तु बेचते हैं| यह जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जहां पर लोग अपनी राय लिखते हैं| जैसे की  ट्विटर हो गया इंस्टाग्राम फेसबुक और भी जो बाकी प्लेटफार्म है| यह सब क्या बेच रहे हैं यह सब अभिव्यक्ति की आजादी बेच रहे हैं| एक प्रोडक्ट के तौर पर, आप समझते हो कि यह मुक्त है पर यह मुक्त है नहीं| आज जो हमें आर्टिकल लिख रहे हैं, यह अपने ध्यान से देखना चाहिए| क्योंकि यह आर्टिकल में बहुत बड़ी सीख छुपी हुई है| जो खबर में आपको बताने जा रहा हूं, यह Wikipedia के बारे में है| विकिपीडिया के बारे में आप सभी तो जानते होंगे| आप में से बहुत से लोग विकिपीडिया का हर रोज उसे use ही होंगे रोज उसे करते होंगे|

 दिल्ली हाई कोर्ट ने विक्की मीडिया फाउंडेशन जो Wikipedia का संचालन करता है| वह कंटेंट नोटिस यानी अब मानना नोटिस जारी किया है| यह मामला तब शुरू हुआ तब ए एन आई नेशनल में 9 जुलाई 2024 को Wikipedia के एक पेज पर प्रकाशित गलत जानकारी के खिलाफ याचिका दायर की एन आई का कहना है ,कि यह जानकारी उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही है, साथ ही अपमानजनक कंटेंट को हटाने की अपील भी की है| जिस पर कोर्ट ने Wikipedia को समझ जारी कर विकिपीडिया पेज के एडिट से जुड़ी जानकारी देने को कहा था |वही विकिपीडिया ने देरी से जवाब देते हुए बताया की  वे कंटेंट को सीधे नियंत्रित नहीं करते, क्योंकि Wikipedia पर कंटेंट ग्लोबल  Wikipedia को कोर्ट के सामने आने में समय इसलिए लगा क्योंकि उनकी संस्था भारत में स्थित नहीं है | क्योंकि इस बहाने वाले बयान पर नवीन चावला ने Wikipedia को फटकार लगाते हुए कहा है अगर आपको भारत पसंद नहीं है तो यहां काम मत करो|

 आप किसी भी तरीके का रिसर्च करना चाहते हो तो आप Wikipedia का उसे करते होंगे| भारत सरकार ने Wikipedia को नोटिस जारी किया है उसमें से 3 बिंदु बहुत ही महत्वपूर्ण है| पहली बात भारत सरकार को ऐसी बहुत सी शिकायतें मिली है| Wikipedia में भारत को लेकर गलत और एक तरफ सूचनाओं प्रसारित की जा रही है| पॉइंट नंबर दूसरा Wikipedia पर जितनी भी सूचनाओं मौजूद है उन पर  Wikipediaसंपादकों के समूह का हाथ है और नियंत्रण भी है| जो एडिटर है जो की जो कि टेक्स्ट पर कंटेंट को एडिट कर सकते हैं ,छोटा सा ग्रुप है| और छोटा सा ग्रुप ही तय करता है कि क्या-क्या एडिट करना चाहिए| और किसके बारे में क्या-क्या लिखना चाहिए वही तय करते हैं| तीसरा पॉइंट सरकार ने Wikipedia से पूछा है उसे मध्यस्थ की जगह पब्लिशर क्यों मन नहीं जाना चाहिए | क्योंकि Wikipediaकहता है, मैं जो हूं, एक मध्यस्ती हूं, कंटेंट राइटर उनके हिसाब से कंटेंट लिखते हैं और मेरा काम बस पब्लिश करना है| Wikipedia एक एग्रीगेटर है|

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